देवी भागवत कथा महापुराण का पांचवा दिन *पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी को कुमाता नहीं हो सकती -घनश्याम शास्त्री जी*
- Repoter 11
- 24 Jul, 2024
देवी भागवत कथा महापुराण का पांचवा दिन
*पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी को कुमाता नहीं हो सकती -घनश्याम शास्त्री जी*
ग्वालियर मुरार ग्राम पंचम पुरा उटिला काली माता मंदिर पर
चल रही नौ दिवसीय संगीतमय श्री देवी भागवत कथा महापुराण कथा के पाचबे दिन सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं.घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने नवरात्र का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि नवरात्र पर देवी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। सच्चे मन से पूजा-अर्चना और व्रत रखने से देवी प्रसन्न होती है। सभी मनोकामनाओं को पूरा करती है। भजनों पर महिलाएं जमकर झूमीं।
कथा व्यास ने मां की महिमा बताते हुए कहा कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है, लेकिन मां कभी भी कुमाता नहीं हो सकती है। मां भगवती अपने भक्तों की सदा रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि सभी को सत्संग में जाना चाहिए। संतों का साथ करना चाहिए। सनातन धर्म की रक्षा के लिए सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने सतानती संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। कहा कि प्रभु भक्ति से ही मोक्ष प्राप्ति संभव है। इस मौके पर सन्त मोहन दास जी महाराज एवम समस्त ग्राम वासियों ने देवी भागवत महापुराण कथा की आरती की ।।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *